पचपेड़ी

दामाद ने अपने ही सास को उतारा मौत के घाट, पति पत्नी के झगड़े में सास के हस्तक्षेप को लेकर रहता था व्यथित, हत्यारे दामाद को पचपेड़ी पुलिस ने किया गिरफ्तार..

सूर्यप्रकाश घृतलहरे

पचपेड़ी – पति पत्नी के झगड़े में हस्तक्षेप करने वाली सास को मौत के घाट उतारने वाले दामाद को पचपेड़ी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के अनुसार सोन निवासी कुन्ती बाई कि घर में ही गुरूवार को लाश मिलने से सनसनी फ़ैल गई। जिसकी लिखित शिकायत मृतिका की बेटी निर्मला यादव ने पचपेड़ी थाने में दर्ज कराई थी। जिसपर स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। जांच में पता चला कि मृतिका कि बेटी निर्मला यादव की पहली शादी के बाद उसके पति की मौत हो गई थी। जिसके बाद वह ग्राम सोन में अपनी मां कुन्ती बाई के घर में रह रही थी। और कीर्तन भजन कर अपनी 6 साल की बेटी के साथ जीवन यापन कर रही थी। जहा काम के दौरान उसकी पहचान रिस्दा निवासी शान्तनु यादव से हुई। जहा दोनो के बीच प्रेम प्रसंग के बाद निर्मला यादव ने शान्तनु यादव से दूसरी शादी कर ली। और रिस्दा में रहने लगे। लेकिन कुछ महीने बाद ही दोनो के बीच पारिवारिक कलह होने लगा। जिसे गुस्साए निर्मला यादव अपने मां कुन्ती बाई के घर अपने बेटी के साथ आ गई। जहा कुछ ही दिनों में शान्तनु यादव अपनी पत्नी निर्मला यादव के मां के घर आने जाने लगा। जहा दोनो के बीच आए दिन कीर्तन भजन के लिए निर्मला यादव के बाहर जाने के नाम से झगड़ा होता रहता था। जिसमे कुन्ती बाई हमेशा अपने बेटी का पक्ष लेती थी। इन सबके बीच निर्मला यादव फिर भी अपने काम में जाना बंद नही किया। इसी कड़ी में 17 अक्तूबर को भी वह अमलडिहा सारंगढ गई हुई थी। जहा से गुरूवार को वह अपने घर पहुंची। जहा उसकी मां कुन्ती बाई की लाश मिली। इधर पुलसिया जांच में पता चला कि निर्मला यादव के अनुपस्थिति में शान्तनु यादव उसे खोजते कुन्ती बाई के घर पहुंचा था। जहा दोनो के बीच पुराने विवाद को लेकर झगड़ा हो गया। जिससे आवेश में आकर शान्तनु यादव ने कुन्ती बाई कि गला घोटकर हत्या कर दी। वहीं पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी कि 24 घंटे के अंदर ही गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वही आरोपी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उक्त प्रकरण में थाना पचपेडी प्रभारी निरीक्षक विवेक कुमार पाण्डये उनि पिल्लु राम मण्डावी आर. सउनि, मानिक लाल लहरे, आरक्षक अश्वनी पटेल, सागर खटकर रघुनाथ रेड्डि देवेन्द्र मरकाम, सराहनीय कार्य किया गया।

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