सहायक संचालक पर लगे आरोपों की क्या है सच्चाई…. सुनियोजित तरीके से बदनाम करने की कोशिश, जानिए पूरा मामला,

बिलासपुर – शिक्षक नेता की पत्नी के फर्जी भर्ती के महीनो पुराने मामले में एकबार फिर नया मोड़ लिया है। जहा जांच अधिकारी रहे सहायक संचालक मुकेश मिश्रा पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया गया है। जबकि इस मामले में पर्दे के पीछे की कहानी कुछ और ही बयां कर रही है। मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी भर्ती के मामले में सही जांच करने के कारण उपेजे आक्रोश को सुनियोजित ढंग से मिटाने का काम किया गया है। इस पूरे मामले में विश्वनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार युक्ति युक्त करण के विरुद्ध साझा मंच बनाया गया हैं तथा मंच के द्वारा विभिन्न विभागों ने ज्ञापन दिया जा रहा हैं इसी क्रम में कार्यालय संयुक्त संचालक शिक्षा बिलासपुर में साझा मंच द्वारा दिनांक 13/6/25 को ज्ञापन दिया जाना था। किन्तु अन्य संगठन को दरकिनार करते हुए केवल एक संगठन छ. ग. टीचर्स एसोशियशन द्वारा एक अधिकारी को लक्ष्य बनाते हुए अनेक वीडियो वायरल किया गया है। मूलतः कहानी यह हैं कि प्रान्तध्यक्ष संजय शर्मा कि पत्नी चंद्ररेखा के विरूद्ध जाँच करना तथा मानहानि का दावा करना सहायक संचालक मुकेश मिश्रा को भारी पड गया। ऐसे में प्रबल संभावना है। कि यह पूरी कार्यवाही दुर्भावना वश किया गया हो सकता है।इस मामले में सहायक संचालक मुकेश मिश्र संपर्क करने पर पता चला कि उनके पैर में मोच हैं। उनके स्वास्थ्य गत कारणों के वजह से वह किसी भी प्रकार शराब या अन्य नशा नही कर सकते है। उन्होंने दावा किया है। कि वो शराब नहीं पीते और शुक्रवार को ना ही नशे में थे। उन्होंने बताया की जिस समय की उनपर आरोप लगाया जा रहा है। इस समय मौके पर पुलिस बल मौजूद थे। अगर शराब सेवन की बात थी तो उनका क्यों तत्काल मुलाहिजा नही कराया गया। उन्होंने यह भी कहा कि यह पूरा प्रकरण को रच उन्हे बदनाम करने कि साजिश की जा रही है। फिलहाल इस मामले में जेडी द्वारा जांच शुरू करवा दी गई है। जिसमे वास्तविक स्थिति साफ हो सकेगी।
इस अनसुलझे मसले का प्रतिशोध महीनों से बना है चर्चा का विषय,, नेता और जांच अधिकारी की जंग को नया स्वरूप देने की तैयारी तो नही..
यह पूरा मामला छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा की धर्मपत्नी चंद्ररेखा शर्मा से जुड़ा हुआ है जो वर्तमान में सहायक शिक्षक के पद पर शासकीय प्राथमिक शाला मोपका, विकासखंड बिल्हा, जिला बिलासपुर में कार्यरत है। महिला शिक्षिका पर आरोप है कि उन्होंने बिना नौकरी हासिल किए फर्जी नियुक्ति और फर्जी ट्रांसफर दस्तावेज के जरिए नौकरी हथिया ली है और पिछले 17 वर्षों से विभाग में जमी हुई है। विभागीय जांच के बाद सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों से यह स्पष्ट हो चुका है की यह दस्तावेज आदिवासी महिला नीलम टोप्पो की नियुक्ति आदेश की कॉपी करके तैयार की गई है और उसी के आदेश का क्रमांक नियुक्ति हासिल करने के लिए प्रयोग में लाया गया है। इसके अतिरिक्त जांच के दौरान कुछ फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने का मामला भी प्रमाणित हो चुका है डीपीआई से जारी नोटिस के अनुसार शासकीय प्राथमिक शाला, मोपका, (बिल्हा) बिलासपुर में पदस्थ सहायक शिक्षक (एलबी) चन्द्ररेखा शर्मा की नियुक्ति फर्जी पाई गई है। बताया जा रहा है कि शासकीय प्राथमिक शाला, दर्रापारा (उरांवपारा), पत्थलगांव, जिला जशपुर में शिक्षाकर्मी वर्ग-03 के पद पर नियुक्ति फर्जी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी। संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग बिलासपुर ने इसकी जांच की है। जांच में संयुक्त संचालक ने अपनी रिपोर्ट में नियुक्ति संदिग्ध और फर्जी पाया है। इस मामले में शिक्षक नेता और जांच अधिकारी मुकेश मिश्रा की काफी समय से विवाद की स्थिति बनी हुई है।