मल्हार में बिजली बिल और जर्जर सड़कों ने बढ़ाई जनता की परेशानी….प्रशासन से की राहत की मांग

बिलासपुर – जिले के नगर पंचायत मल्हार के नागरिक इन दिनों दोहरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। एक ओर भारी भरकम बिजली बिलों ने उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है, तो दूसरी ओर मेन रोड से मंदिर तक की जर्जर सड़क ने लोगों का जीवन मुश्किल बना दिया है। मंगलवार को नगर पंचायत अध्यक्ष पति धनेश्वर केवर्त और पार्षद मनराखन केवर्त सहित सैकड़ों नगरवासी इकट्ठा होकर अपनी समस्याओं को लेकर जिला प्रशासन से गुहार लगाने पहुंचे। नगरवासियों ने बताया कि उनके घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने के बाद बिजली बिलों में असमान्य बढ़ोतरी देखी जा रही है। पहले जहां उपभोक्ताओं को हर महीने 50 से 200 रुपये तक का बिल आता था, अब वही बिल सीधे 8 हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक पहुँच चुका है। यह स्थिति तब और विकट हो गई जब कई महीनों तक नियमित मीटर रीडिंग नहीं की गई और न ही समय पर बिल जारी हुए। अब एक साथ कई महीनों का बिल भेजा गया है, जिससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। क्षेत्र के अधिकांश उपभोक्ता मजदूरी और कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं। ऐसे में इतनी बड़ी राशि चुकाना उनके लिए असंभव सा हो गया है।
लोगों का कहना है कि स्मार्ट मीटर की गड़बड़ियों को ठीक करने और अनियमित रीडिंग की जिम्मेदारी बिजली विभाग की है, लेकिन उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। प्रभावित नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बिजली विभाग द्वारा जारी बिलों की पुनः जांच कराई जाए और गड़बड़ी पाए जाने पर सुधार किया जाए। इसके अलावा नगरवासियों ने चौक से मंदिर तक की सड़क की दुर्दशा को लेकर भी प्रशासन को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि मल्हार एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है, जहां प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। लेकिन वर्तमान में मुख्य सड़क की हालत इतनी खराब है कि बारिश के दिनों में लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। कीचड़, गड्ढे और जलभराव से स्थानीय जनता के साथ-साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी परेशान हैं।
जनता का कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद सड़क मरम्मत का काम शुरू नहीं हुआ है। उन्होंने मांग की है कि मल्हार की गरिमा और नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाए। प्रभावितों की बढ़ती नाराजगी को देखते हुए अब निगाहें जिला प्रशासन की ओर टिकी हैं कि वह इन दोनों गंभीर समस्याओं के समाधान की दिशा में कितनी जल्दी और प्रभावी कार्रवाई करता है।