बिलासपुर

ट्रेडिंग कंपनी में निवेश के नाम पर 2 करोड़ की धोखाधड़ी… आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज,

बिलासपुर – सिटी कोतवाली पुलिस ने एक बड़े निवेश घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए रामविलास पटेल कंपनी संचालक, हेमंत सिंह ठाकुर, पप्पु सिंह ठाकुर और मनोज कुमार शर्मा के खिलाफ ठगी का मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर निवेशकों से लगभग 2 करोड़ 1 लाख रुपये की ठगी करने का आरोप है। यह मामला निवेशकों को ट्रेडिंग कंपनी में अधिक लाभ का लालच देकर ठगे जाने से संबंधित है। प्रार्थी लोकेश्वर साहू पिता सुभेराम साहू, निवासी सेवतापारा डोंगरगांव, जिला राजनांदगांव ने थाना सिटी कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2024 में वह और उनके परिचित गोपेन्द्र साहू ‘यू बिट’ नामक कंपनी से जुड़े थे, जहां उनकी पहचान पप्पु सिंह और हेमंत ठाकुर से हुई। नवंबर 2024 में इन दोनों ने उन्हें “ई-एक्स बिट ट्रेडिंग कंपनी” में निवेश करने का प्रलोभन दिया। कंपनी के संचालक रामविलास पटेल ने दावा किया था कि निवेश पर हर माह 15 प्रतिशत लाभांश मिलेगा, साथ ही नए निवेशकों को जोड़ने पर 2 से 7 प्रतिशत अतिरिक्त लाभ दिया जाएगा। लोकेश्वर साहू और उनके साथी आरोपियों के झांसे में आ गए। जनवरी 2025 में रायपुर के बेबीलोन होटल और बिलासपुर के शिव टॉकीज चौक स्थित होटल जीत में आयोजित बैठकों में निवेशकों को कंपनी से जोड़ने की कवायद की गई। इसके बाद शिकायतकर्ता और अन्य निवेशकों ने किस्तों में लाखों रुपये कंपनी के बताए गए बैंक खातों में और नगद रूप से हेमंत व पप्पु ठाकुर को सौंपे। केवल शिकायतकर्ता ने ही अलग-अलग किस्तों में करीब 27 लाख रुपये निवेश किए। वहीं, उनके साथी गोपेन्द्र साहू ने 45 लाख रुपये का निवेश किया। शुरुआत में निवेशकों को कुछ महीनों तक लाभांश दिया गया, जिससे भरोसा बढ़ा। लेकिन मार्च -अप्रैल 2025 के बाद कंपनी ने भुगतान बंद कर दिया। बार-बार संपर्क करने पर केवल आश्वासन मिलता रहा, पर रकम वापस नहीं की गई। शिकायतकर्ता के अनुसार, अगस्त 2025 में पप्पु सिंह और मनोज शर्मा ने रायपुर के गिरिराज होटल व बिलासपुर के शारदा लॉज में नई योजनाओं और “MIE COIN” नामक कंपनी का झांसा देकर लोगों को फिर से निवेश के लिए उकसाया। इस दौरान दुगेश्वर शर्मा नामक निवेशक ने 75 हजार रुपये नगद मनोज शर्मा को दिए, लेकिन उसे किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला। इसी प्रकार अलग-अलग निवेशकों से कुल 2 करोड़ 1 लाख रुपये की ठगी की गई है। प्रकरण में निवेशकों की सूची, चेक, बैंक ट्रांजेक्शन और अन्य दस्तावेज पुलिस को प्रस्तुत किए गए हैं। पुलिस ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए धारा 318(4)-BNS व 3(5)-BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया है। मामले की विवेचना जारी है और पुलिस आरोपियों की गतिविधियों व कंपनियों के नेटवर्क की गहन जांच कर रही है।

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