मानवता शर्मसार:- शेर के हमले में ग्रामीण की दर्दनाक मौत, शव को बोरी में भरकर दुपहिया वाहन से ले जाने को मजबूर हुए परिजन…पुलिस और वन विभाग की लापरवाही पर ग्रामीणों में आक्रोश,

तखतपुर – क्षेत्र के सकेरी गांव में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां सूखी लकड़ी इकठ्ठा करने जंगल गए युवक को शेर ने मौत के घाट उतार दिया। घटना के बाद न केवल युवक की दर्दनाक मौत ने इलाके को झकझोर दिया, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और पुलिस की अमानवीयता ने मानवता को भी शर्मसार कर दिया। मृतक उमाशंकर साहू उम्र लगभग 35 वर्ष 15 मई की शाम को घरेलू कार्य के लिए लकड़ी लेने जंगल की ओर निकला था, लेकिन रातभर उसके घर न लौटने पर परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। अगली सुबह परिजन जब जोगीपुर के लीम घाट झरना क्षेत्र में पहुंचे तो वहां उन्हें उमाशंकर का सड़ा-गला शव मिला, जिसमें केवल धड़ ही शेष था। प्रथम दृष्टया शव को देखकर स्पष्ट हुआ कि जंगली शेर के हमले में युवक की जान गई है, जिसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग और पुलिस विभाग को सूचित किया गया। फॉरेंसिक टीम बिलासपुर से मौके पर पहुंची और आवश्यक परीक्षण उपरांत शव का पंचनामा कर परिजनों को सौंपा गया। मृतक के पुत्र जोहित साहू की रिपोर्ट पर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है। उल्लेखनीय है कि लगभग दो माह पूर्व भी इसी क्षेत्र के कठमुड़ा गांव में शेर ने एक किसान पर हमला किया था, जिसके बाद ग्रामीणों में भारी दहशत व्याप्त थी। वन विभाग की निगरानी के बावजूद एक बार फिर शेर के हमले से एक ग्रामीण की जान जाना, विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। घटना के बाद जब परिजन शव को पोस्टमार्टम हेतु तखतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाने थाने पहुंचे, तो चौकी प्रभारी जूनापारा मनोज शर्मा द्वारा वाहन उपलब्ध कराने से मना कर दिया गया। उन्होंने व्यथित परिजनों से कहा कि थाने में कोई वाहन उपलब्ध नहीं है, आप अपनी व्यवस्था से शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाएं। ऐसे में शोक संतप्त परिजनों ने जब कोई विकल्प न पाया तो शव को बोरी में भरकर अपने दुपहिया वाहन से लगभग 20 किलोमीटर दूर तखतपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां शव का पोस्टमार्टम किया गया।
इस अमानवीय व्यवहार से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन की कड़ी निंदा की है। उनका कहना है कि थाने में पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध होने के बावजूद शव ले जाने के लिए सहायता नहीं दी गई, जिससे यह प्रतीत होता है कि प्रशासनिक संवेदनशीलता पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। नगर कांग्रेस कमेटी तखतपुर के अध्यक्ष बिहारी देवांगन ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार झूठी वाहवाही लूटने में लगी है, जबकि आमजन त्रस्त है और प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह निष्क्रिय हो चुका है। यह घटना सरकारी दावों की पोल खोलती है।
वहीं थाना प्रभारी तखतपुर देवेश कुमार राठौर ने सफाई देते हुए कहा कि वाहन तकनीकी खराबी के कारण परिजनों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका। इस हृदय विदारक घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगाया है, बल्कि यह भी दर्शाया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी मूलभूत सहायता के लिए आम नागरिक किस हद तक संघर्ष करने को मजबूर हैं। घटना से पूरे क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल है।