बिलासपुर

भू अर्जन में भ्रष्टाचार:- भारत माला प्रोजेक्ट में बिलासपुर में भी बड़ी कार्रवाई…. तहसीलदार और पटवारी पर एफआईआर दर्ज,

बिलासपुर – भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग 130 ए (बिलासपुर-उरगा मार्ग) में भू-अर्जन के दौरान अनियमितता और राजस्व अभिलेखों में कूटरचना का मामला सामने आया है। मामले में ग्राम ढेंका, तहसील बिलासपुर से संबंधित तत्कालीन तहसीलदार डी.के. उइके और तत्कालीन पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ थाना तोरवा में धोखाधड़ी व जालसाजी की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मिली जानकारी के अनुसार, भू-अर्जन की प्रक्रिया में दोषी अधिकारियों द्वारा अवैध तरीके से नामांतरण और बंटवारा दर्ज कर अधिक मुआवजा राशि की गणना कर शासन को आर्थिक क्षति पहुँचाई गई। इस मामले की जांच जिला स्तरीय समिति एवं अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बिलासपुर द्वारा की गई, जिसमें गड़बड़ी की पुष्टि हुई। अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बिलासपुर के दिनांक 24 जून 2025 के ज्ञापन क्रमांक 515/अ.वि.अ./स्टेनो/2025 एवं कलेक्टर कार्यालय के पत्र क्रमांक 2872/वाचक/भू-अर्जन/जांच/2025 के आधार पर न्यायालय नायब तहसीलदार बिलासपुर ने थाना प्रभारी तोरवा को निर्देशित किया कि दोषी तहसीलदार व पटवारी के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कर कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करें। एफआईआर में धारा 34, 420, 467, 468, 471 IPC के अंतर्गत अपराध दर्ज किया गया है।

प्रकरण की शिकायत प्रार्थी राहुल शर्मा पटवारी हल्का नम्बर 44 ग्राम ढेंका द्वारा की गई थी, जिन्होंने पूरे मामले की जानकारी नायब तहसीलदार कार्यालय में प्रस्तुत की थी। सूत्रों के अनुसार, उक्त अनियमितता के कारण न केवल शासन को वित्तीय नुकसान हुआ है बल्कि सड़क निर्माण कार्य भी बाधित हुआ है। जिससे आम नागरिकों को आवागमन की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और शासन की छवि पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। प्रकरण वर्तमान में आर्बिट्रेटर के समक्ष लंबित है, जिससे मुआवजा वितरण रुका हुआ है। जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में इस प्रकार की अनियमितताओं पर रोक लगाई जा सके।
पुलिस द्वारा मामले की विवेचना प्रारंभ कर दी गई है और संबंधित दस्तावेजों की जांच जारी है। शासन स्तर पर यह संदेश स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार और कूटरचना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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