मस्तूरी

मस्तूरी शूटआउट का खुलासा: आपसी रंजिश में रची गई साजिश, पुलिस ने 7 आरोपी किए गिरफ्तार, हथियार बरामद

बिलासपुर – मस्तूरी में जनपद उपाध्यक्ष नितेश सिंह के ऑफिस के बाहर हुई अंधाधुंध फायरिंग की गुत्थी को बिलासपुर पुलिस ने सुलझा लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने इस सनसनीखेज मस्तूरी शूटआउट कांड के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस मामले में 7 आरोपियों को पकड़ा है, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से देशी पिस्टल, कट्टा, मैगजीन, जिंदा कारतूस और मोबाइल फोन सहित बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री जब्त की है। ए.सी.सी.यू. बिलासपुर और थाना मस्तूरी की संयुक्त टीम ने मामले की जांच के दौरान 100 से अधिक CCTV फुटेज खंगाले। लगातार निगरानी और साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने अज्ञात हमलावरों की पहचान की और कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों तक पहुंच बनाई। जांच में यह बात सामने आई कि इस घटना के पीछे पुरानी आपसी रंजिश और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई थी।

गिरफ्तार आरोपी –

1. विश्वजीत अनंत (29 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा, थाना मस्तूरी

2. अरमान उर्फ बलमजीत अनंत (29 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा

3. चाहत उर्फ विक्रमजीत (19 वर्ष), निवासी ग्राम मोहतरा

4. मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस (29 वर्ष), निवासी भारतीय नगर, बिलासपुर

5. मोहम्मद मतीन उर्फ मॉन्टू (22 वर्ष), निवासी अटल आवास, कोनी
6-7. दो विधि से संघर्षरत किशोर

बरामद सामग्री

देशी पिस्टल 2 नग

देशी कट्टा 1 नग

मैगजीन 5 नग

जिंदा कारतूस 4 नग

खाली खोखा 13 नग

चली हुई बुलेट 10 नग

मोबाइल फोन 5 नग

पुरानी दुश्मनी और जमीन विवाद बनी वजह…

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नितेश सिंह और मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवार के बीच मस्तूरी क्षेत्र में जमीन की खरीद-फरोख्त, अतिक्रमण और राजनीतिक वर्चस्व को लेकर लंबे समय से विवाद चला आ रहा था। दोनों पक्षों ने पहले भी एक-दूसरे के खिलाफ मस्तूरी और सिविल लाइन थाने में कई अपराध दर्ज कराए थे। मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत ने नितेश सिंह और उनके सहयोगियों को जान से मारने की साजिश रची थी। उसने अपने भाइयों और अन्य साथियों के साथ मिलकर रेकी की और तय किया कि नितेश सिंह को उसी जगह निशाना बनाया जाएगा जहां वह रोज शाम को बैठता है।पुलिस के अनुसार, 25 अक्टूबर को पहली बार हत्या की योजना बनी थी, लेकिन किसी कारण से यह प्लान असफल रहा। इसके बाद 28 अक्टूबर 2025 की शाम करीब 6 बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों में सवार होकर मस्तूरी पहुंचे और नितेश सिंह के ऑफिस के बाहर फायर आर्म्स से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस गोलीबारी में नितेश सिंह के साथी राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

फायरिंग में इस्तेमाल हुए हथियारों की पुष्टि

पुलिस ने मौके से मिले 13 खाली खोखे और 10 चली हुई गोलियों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि घटना में प्रयुक्त हथियार विश्वजीत और उसके सहयोगियों के पास से मिले देशी कट्टे और पिस्टल ही थे।

षड्यंत्र में पैसों का लेनदेन भी उजागर

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी विश्वजीत अनंत को तारकेश्वर पाटले नामक व्यक्ति ने 1 लाख रुपये नगद दिए थे, जिसे उसने अपने साथियों में बांटा। पुलिस इस लेनदेन और अन्य संभावित सहयोगियों की भूमिका की जांच कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा यह घटना पूर्णतः आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम है। बिलासपुर पुलिस ने बेहद मेहनत और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों तक पहुंच बनाई है। इस प्रकरण में शामिल सभी आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। बिलासपुर पुलिस अब इस मामले में अन्य संभावित आरोपियों की तलाश कर रही है। वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अपराधियों के खिलाफ “नो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत आगे भी इसी तरह की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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