सीपत

14 साल से न्याय को तरस रहे बुजुर्ग दंपति…अब प्रशासन से आखिरी उम्मीद, 84 साल की उम्र में दफ्तरों के लगा रहे चक्कर,

बिलासपुर – सीपत थाना क्षेत्र के दर्राभाठा गांव से 84 वर्षीय धजाराम और उनकी पत्नी रामेश्वरी बाई की पीड़ा कलेक्टर कार्यालय में फिर उभरकर सामने आई। बुजुर्ग दंपति पिछले 14 वर्षों से अपनी 22 डिसमिल जमीन पर कब्जे के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन आज भी न्याय उनसे कोसों दूर है। उम्र के अंतिम पड़ाव में, जहां उन्हें सहारे और शांति की जरूरत है, वहीं वे लाठी और हिम्मत के सहारे दफ्तरों में भटकते-भटकते टूट चुके हैं। धजाराम और रामेश्वरी बाई वर्ष 2013 में मजदूरी के लिए परदेश गए थे। लेकिन जब वे गांव लौटे तो पाया कि उनके पड़ोसी गोविंदराम सोनवानी और उसका बेटा राहुल सोनवानीजो पूर्व जिला पंचायत सदस्य भी रह चुका है उसने उनकी जमीन पर न केवल कब्जा कर लिया बल्कि पक्का मकान भी बना लिया। इसके बाद दंपति ने थाने में शिकायत, कोर्ट में परिवाद और प्रशासनिक दफ्तरों के अंतहीन चक्कर काटे, लेकिन हर जगह जवाब मिला…कार्यवाही जारी है। लाठी के सहारे, उम्रदराज कदमों के साथ धजाराम आज भी हर दफ्तर में यही सवाल पूछते हैं..क्या हमें हमारी जमीन वापस मिलेगी? दंपति का दर्द यह है कि 14 साल बीत गए,

लेकिन न्याय आज भी सिर्फ एक उम्मीद है, हकीकत नहीं। इस बार वे कलेक्टर संजय अग्रवाल से मिले और जमीन की बारीकी से जांच की गुहार लगाई। कलेक्टर ने बताया कि मामले में तहसीलदार को जांच का आदेश दिया गया है और दस्तावेज़ों की जांच जारी है। वहीं राहुल सोनवानी ने अपना पक्ष रखते हुए दावा किया कि उसने बुजुर्ग से 10 डिसमिल जमीन खरीदी है और 12 डिसमिल अब भी उनके नाम है, इसके बावजूद वे अनावश्यक शिकायत कर रहे हैं। अब सवाल यह है कि क्या 14 साल से न्याय की आस लगाए यह दंपति अपनी शेष जिंदगी में राहत पा सकेगा?
बुजुर्ग धजाराम की आंखों में आज भी एक ही उम्मीद है…मैं सही हूं, इसलिए एक दिन न्याय जरूर मिलेगा।

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