मल्हार

नगर पंचायत मल्हार की उदासीनता के भेंट चढ़ रहे बेजुबान….अघोषित गौठान में मवेशी तोड़ रहे दम, जिम्मेदार मृत शवों को फेंक रहे इधर उधर

सूर्यप्रकाश घृतलहरे

बिलासपुर – जिले के मल्हार नगर पंचायत में पिछले वर्ष की तरह ही इस वर्ष बनाये गए अघोषित गौठान में रोजाना एक से दो मवेशी दम तोड़ रहे है, आस पास के लोगों के अनुसार इस बारिश के सीजन अब तक 100 से अधिक मवेशी मर चुके है, जिन्हें मौत होते ही आस पास के जंगल मे ले जाकर ठिकाने लगा दिया जाता है और प्रदेश सरकार की महत्वपूर्ण योजना गौठान के महत्व को दरकिनार कर दिया जाता है। जिसकी भनक तक दुसरो को नही लगने दी जा रही, आस पास लोग इस तरह से मवेशियों की मौत से बेबस नजर आ रहे है।

क्योंकि नगर पंचायत ने इन मवेशियों को सुरक्षित रखने और उनके चारा पानी की व्यवस्था करने का जिम्मा सम्हाला है, लेकिन व्यवस्था के नाम पर मंगल भवन के बाहर बाड़े में खुले आसमान के नीचे मवेशियों को घेराबंदी कर रख दिया जाता है, जिन्हें चारा, पानी के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जाती है, जिसकी वजह से ही मवेशी कमजोर और बीमार होकर मौत की मुँह में समा रहे है। मिली जानकारी के अनुसार जैसे ही बाड़े में रखे मवेशियों की हालत बिगड़ी है उन्हें बाड़े से बाहर निकाल दिया जाता है, उनकी मौत होते ही आस पास के जंगलों में फेंक दिया जाता है।

बेजुबानों की सुनने वाला कोई नही….

नगर पंचायत मल्हार में होने को जिम्मेदारों की फौज है लेकिन इन बेजुबानों की सुनने वाला कोई नही है जो असमय काल के गाल में समा रहे मवेशियों के गौठान, चारा, पानी की व्यवस्था पर नजर रखे और समय पर उचित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराए।

योजना के नाम पर लेटलतीफी…..

छतीसगढ़ सरकार के महत्वाकांक्षी गोठान योजना के तहत मल्हार में भी मवेशियों के लिए सुसज्जित गोठान बनाने लाखो रुपयों की स्वीकृति हुई है। लेकिन 4 वर्ष बीत जाने के बाद भी गोठान अब तक नही बन पाया है। जिसकी वजह से इन बेजुबानों की मौत आए दिन हो रही है। नवोदय विद्यालय के पीछे कई एकड़ जमीन गोठान बनाने अधिकृत की गई है साथ ही टेंडर भी हो चुका है इसके बावजूद गोठान नही बन पाया है। स्थानीय प्रशासन की उदासीनता और कांग्रेस के ही सत्ता में बैठे जनप्रतिनिधियो को स्थानीय लोग जिम्मेदार मान रहे है।

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