रतनपुर

ढेड़ साल के मासूम की गले में चना फंसने से दर्दनाक मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

रतनपुर – छोटी-सी लापरवाही किस तरह मासूम की जिंदगी छीन सकती है, इसका हृदयविदारक उदाहरण मंगलवार को रतनपुर में सामने आया। ग्राम बरपारा निर्धि निवासी जय कुमार पोर्ते, जो रतनपुर के सांधीपारा में रहकर मजदूरी और प्लॉट की देखरेख का काम करते हैं, उनके ढेड़ साल के बेटे शिवांश पोर्ते की चना गले में फंसने से दर्दनाक मौत हो गई। घटना उस समय हुई जब मासूम शिवांश बिस्तर पर खेलते हुए चना खा रहा था। अचानक चना उसके गले में फंस गया और वह छटपटाने लगा। परिजन घबराए हुए तत्काल उसे रतनपुर स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने परीक्षण के बाद शिवांश को मृत घोषित कर दिया। मासूम की असामयिक मौत से परिवार सहित पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। हर कोई इस दर्दनाक हादसे से गमगीन है। सूचना मिलने पर पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।

इस घटना ने एक बार फिर अभिभावकों को सचेत कर दिया है कि छोटे बच्चों को सूखे मेवे, चना, मूंगफली या अन्य कठोर दानेदार चीजें अकेले खाने के लिए न दें। ऐसे खाद्य पदार्थ बच्चों के गले में आसानी से फंस सकते हैं, जिससे उनका दम घुटने का खतरा बढ़ जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि बच्चों को हमेशा अभिभावकों की निगरानी में ही खिलाया-पिलाया जाना चाहिए, ताकि ऐसी दर्दनाक घटनाओं से बचा जा सके। ढेड़ साल के मासूम शिवांश की मौत ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में जरा-सी लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकती है।

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