नवोदय विद्यालय मल्हार में लापरवाही ने ली एक छात्र की जान…तबीयत बिगड़ने पर परिजनों को दी सूचना, ईलाज के दौरान हुई मौत,

बिलासपुर – पीएमश्री नवोदय विद्यालय मल्हार में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही से एक मासूम छात्र की जान चली गई है, मृतक छात्र के पिता ने प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनके बेटे की मौत के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया है। दरअसल सोमवार की दोपहर बेलगहना निवासी जयप्रकाश यादव के पुत्र हर्षित यादव जो 10 वी कक्षा में पढ़ाई कर रहा था उसकी ईलाज के दौरान बिलासपुर में मौत हो गई। घटना के बाद हर्षित के पिता ने बताया कि उनके बेटे की मौत के पीछे नवोदय विद्यालय मल्हार प्रबंधन की बड़ी लापरवाही है, जिन्होंने आगे बताया कि बीते शनिवार को हर्षित के पिता जयप्रकाश को फोन से स्कूल के शिक्षकों ने सूचना दी कि उनके बेटे की तबियत खराब है, जब हर्षित के पिता बेलगहना से स्कूल पहुँचे तो देखा उनके बेटे की हालत बहुत खराब है जिस पर पिता ने प्रबंधन से कोई वाहन उपलब्ध कराकर बिलासपुर हॉस्पिटल ले जाने की मदद मांगी

लेकिन उन्हें यह कहा गया कि चार पहिया गाड़ी प्रिंसिपल ले गए है, लिहाजा वह अपनी व्यवस्था करें, जिस पर पिता उन्हें अपनी व्यवस्था से बिलासपुर हॉस्पिटल पहुँचे जहाँ शनिवार, रविवार हर्षित का उपचार कराया फिर भी हालत में सुधार नही होने पर दूसरे हॉस्पिटल लेकर पहुँचे, जहाँ ईलाज के दौरान सोमवार की दोपहर 2:30 बजे के लगभग छात्र हर्षित की मौत हो गई। इस घटना ने पिता जयप्रकाश को तोड़ दिया, जिन्होंने नवोदय विद्यालय प्रबंधन पर छात्र हर्षित के तबीयत खराब होने की पहले सूचना नही देने और न ही ईलाज कराने का आरोप लगाया है, पीड़ित पिता अब किसी अन्य बच्चे के साथ ऐसा न हो इसे लेकर प्रशासन से जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहे है
नवोदय विद्यालय में बदहाली के बीच बच्चे…

परिजनों के अनुसार नवोदय विद्यालय के आवासीय परिसर पर बदहाली का आलम है, जगह जगह सीलन टूटे फूटे खिड़की दरवाजे, यहाँ तक कि बीमार करने वाले कैंटीन और बाथरूम से बच्चों को रोजाना सामना करना पड़ रहा है, शिकायतों के बाद भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, जबकि शासन से लाखो रुपए फंड में जारी किए जाते है, बावजूद इसके बच्चो को बदहाली में ही रहकर अपनी पढ़ाई करनी मजबूरी है। नवोदय विद्यालय में नियमो की बड़ी लिस्ट है जिसे अनुशासन के लिए बच्चो और परिजनों पर लाद दिया गया है, लेकिन प्रबंधन की जो जिम्मेदारी है और कर्तव्य है उन्हें कूड़े में फेंक कर संस्थान का संचालन किया जा रहा है, व्यवस्थाएं केवल कागजों तक सीमित है और वास्तविकता सामने है, अब इस घटना के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि प्रशासनिक अधिकारी सक्रिय होंगे और बच्चों को उचित व्यवस्था मुहैय्या होगी, साथ ही जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई होती है यह अभी अपेक्षित है।


